मंगलवार, 28 जुलाई 2020

Vipassana

ध्यान करते समय ध्यान दे की साँस हमारे कहा कहा छू रही है, नसिका के कौनसे भागो को छू रही है| प्रति दिन ऐसे ही करना है, स्थूल साँस से सुक्ष साँस तक पोहचना है, अज्ञात से ज्ञात की और बढ़ाना है| ध्यान करते वक्त मन में कोई विचार आये या फिर कोई विकार जागे तब साँस स्थूल हो जाएँगी, कोई क्रोध का विकार जागे या फिर वासना का या कोई अन्य विकार जागे तो फिर से साँस पर ध्यान दे फिर मन सुक्ष साँस की और बढ़ेगा ऐसा होगा बहोत बार हमें इस में खो जाना नहीं है बल्कि साँस पर और अच्छी तरह ध्यान देना है| 
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While meditating, pay attention that our breath is touching, which parts of the nostrils are touching. This is to be done every day, from gross breath to dry breath, you have to increase from unknown to known. While meditating, any thoughts come to your mind or if you wake up, then the breath will become cloudy, any anger disorder or lust or any other disorder will arise, then pay attention to the breath again, then the mind will increase more and more. Bar, we do not have to get lost in this, but pay more attention to the breath.

सोमवार, 27 जुलाई 2020

Vipassana

साँस के सहारे चलते चलते सारे शरीर की जानकारी होने लगेंगी, शुद्ध साँस का चयन करेंगे कोई रूप, आकृति नहीं जोड़ेंगे| एक उदहारण से जानते है अगर किसी व्यक्ति को किसी दूसरे व्यक्ति ने कहा इस नदी के दूसरे  किनारे पर बहुत सुंदर जगह है| अगर वो उस जगह को देखना चाहता है तो स्वयं ही उसे नदी पर करके जाना होगा, अगर वो नदी से प्रार्थना करे की नदी तू दूसरा किनारा यहां लेके आ तो नहीं आयेंगा सारा जीवन वह बैठा भी रहे तो नहीं होगा ऐसा| इसी तरह हमें स्वयं की अनुभूति से याने साँस से अपने पुरे शरीर को जानना है| 
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With the help of the breath, the whole body will become aware, will choose pure breath, will not add any form, shape. Know of an example if a person place pretty much someone said the other person on the other side of the river | If he wants to see that place then he himself has to go to the river, if he prays to the river that if you bring the river to the other side, then he will not come for the whole life even if he is sitting. In the same way, we have to know our whole body through our own experience.
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नये साधको पहले दिन समझ नहीं आता की किस प्रकार साँस पर ध्यान दे, तो पहले उन्हें स्थूल साँस पर ध्यान देना होगा नहीं पता चल रहा है तो साँस थोड़ी जोर से ले धीरे धीरे स्थूल साँस से सूक्ष साँस समझ आएँगी| साँस कौनसी नसिका से आ रही है दये की बाये या फिर दोनों नसिका से समझ आयेंगा| हमरा ऊपरी होठ और नाक भाग इसी जगह साँस की हलचल महसूस होंगी, धीरे धीरे मन सुक्ष होने लगेगा और हम शरीर के बारे में जानने लगोगे| 
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On the first day the new seekers do not understand how to pay attention to the breath, first they have to pay attention to the gross breath, if it is not known, then take the breath a little louder, slowly the gross breath will be understood as a subtle breath. Breathing is coming from which nerves to the left or both nerves will be understood. Our upper lips and nose parts will feel the breath of breath in this place, slowly the mind will start to be safe and we will start to learn about the body.

रविवार, 26 जुलाई 2020

Vipassana

परमसत्य के बारे में सुना होगा अमर होगा पर उसे अनुभव नहीं किया होगा अगर अनुभव करेंगे तो सरे विकारो से छुटकारा मिलेगा| सबकी अलग अलग मान्यता होंगी पर उस मान्यता के जरिये विकार दूर नहीं होंगे, अपने बारे के जो अनुभूति है वो हम साँस पर ध्यान केंद्रित करके ही पा सकते है| अपने शरीर के बारे में क्या जानते है बाहरी शरीर के बारे में हम सभी जानते है पर हमारे भीतरी शरीर को नहीं जानते, बाहरी शरीर को हम जो कहते है वो हर चीज को मनाता है चलने को कहा तो चलता है, पर हमारा भीतरी शरीर को हम अपने कहे नुसार नियंत्रित नहीं कर सकते अंदर और कितने आंग है वो भी नहीं जानते और उसपर नियंत्रित नहीं कर सकते|  हमारा शरीर नन्हे नन्हे विभिन्न कोशिकाओं से बना है उसमे पर पल हलचल  होती रहती है उसके बारे भी हमें जानना है|  

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You must have heard about supreme truth, but have not experienced it, if experienced, you will get rid of all the disorders. Everyone will have different beliefs, but through that belief, the disorders will not go away, we can get the feeling about ourselves only by focusing on the breath. What we know about our body, we all know about the outer body but do not know our inner body, what we say to the outer body celebrates everything If we are asked to walk, then we cannot control our inner body as we said, we do not even know how many parts  are there and we cannot control it. Our body is made up of tiny cells, there is a movement in it, we have to know about it too.

शनिवार, 18 जुलाई 2020

Vipassana

जब सांस पर लक्ष केंद्रित करके ध्यान करेंगे तो शरीर के बारे में जानने लगेंगे, फिर चित्त को भी अच्छी तरह समज पाओगें| शरीर के बारे में जानोंगे की ये कितना क्षणभंगुर है हर समय बदलता रहता है|  जब शरीर और चित्त की समज आएंगा ये सत्य से परे है, और परम सत्य का ज्ञान होंगा| शरीर और मन क्षणभंगुर है प्रति समय ये बदलता रहता है|  



When you focus on the breath and focus on the body, you will start to learn about the body, then you will understand the mind very well. You will know about how fleeting the body is, it keeps changing all the time. When the senses of body and mind come, it is beyond truth, and there will be knowledge of ultimate truth. The body and mind are fleeting. It varies from time to time.
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गुरुवार, 16 जुलाई 2020

Vipassana

हमारी प्रकृति नहीं चाहती की हम में विकार निर्माण हो अगर हमारे मन में विकार जागते है तो प्रकृति हमें इसका दंड देती है| हमारे मन जो विकार है वो साम्प्रदाइक नहीं है बल्कि सार्वजनिक है तो हमें इसका इलाज भी साम्प्रदाइक नहीं सार्वजनिक करना होगा| उसी तरह अगर हम साँस के साथ कोई शब्द है आकृति जोड़े तो ये साम्प्रदाइक होगा सार्वजनिक नहीं| हमें यहां किसी भी धर्म को जोड़ने की आवश्कता नहीं है| 
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Our nature does not want to create disorder in us, if the disorder wakes up in our mind, then nature punishes us. The disorder that is in our mind is not communicable, but it is public, so we should not make public its treatment also. In the same way, if we add a shape with a breath, then it will be public and not public. We do not need to add any religion here.
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हमें शुद्धा साँस पर ध्यान देना है, अगर हम इसके साथ कोई आकृति जोड़ेंगे तो हमारा मन तो एकाग्रह होगा पर हम विकार की  गहराई को नहीं समझ पाएंगे|  वो आकृति हमारे लिए प्रमुख हो जाएँगी, पर हमें जो काम करना था विकारो को दूर वो हो नहीं पाएंगा| हम आपने आप को भी नहीं जान पाएंगे| इसीलिए शुद्ध साँस के आवागमन पर ध्यान दे इसमें कोई सम्प्रदाय नहीं जोड़े| नहीं तो मुक्ति का मार्ग भटक जायेंगे| 
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We have to pay attention to pure breath, if we add a shape with it, our mind will be concentrated but we will not be able to understand the depth of the disorder. That shape will become prominent for us, but the work we had to do will not be able to remove the disorders. We will not even know you. Therefore, pay attention to the movement of pure breath and do not add any community to it. Otherwise, the path of salvation will go astray.
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अगर कोई व्यक्ति इस क्रिया को करने के लिए कह रहा है की दूसरा सम्प्रदाय ना जोड़े हम जो सम्प्रदाय बोल रहे है वो ही जोड़े, ऐसा व्यक्ति तो लोगो को उलझा रहा है|  है बचपन से सुनते आ रहे है की हमारी शरीर और आत्म दोनों अलग है पर हम इस शरीर के बारे में इतना स्वार्थी हो गए की मै मेरा यही ही हम मानते है इस वजह से मन में विकार जागते है| ध्यान अच्छी तरह से करेंगे तो जानोंगे की हमारा शरीर नश्वर है, इसके प्रति हमें इतनी इछाये नहीं जगानी चाहिए, ध्यान से शरीर और मन दोनों के विकार दूर होंगे| 
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If a person is asking to perform this action, do not add another community, add the community that we are speaking, such a person is confusing the people. We have been hearing from childhood that both our body and self are different, but we have become so selfish about this body that I believe that this is what I believe in this, because of this, disorders arise in the mind. If you meditate well, then you will know that our body is mortal, we should not wake up to it so much, that both body and mind disorders will be removed by meditation.
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धर्म एक अनुभूति है जिसे अनुभव हुआ उसने जाना जिसको नहीं हुआ उसने नहीं जाना| पर हम क्या करते है दुसरो की अनुभूति को ही सच मन लेते है स्वयं अनुभूति नहीं करना चाहते|  जब हम अंतर्मन और शरीर को जानेगे तो पता चलेगा की हमारा शरीर और मन एक दूसरे से घुले मिले हुऐ है,  
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Religion is a feeling that he has experienced, he has not known, he has not known. But what we do is take the sensation of others as true, and do not want to realize ourselves. When we know the inner body and body, then we will know that our body and mind are mixed with each other,
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शरीर और मन एक दूसरे से प्रतिक्रिया दे रहे है मन हजारो प्रतिक्रिया होती है और शरीर में भी इसमें प्रतिक्रिया एक दूसरे से विरुद्ध होंगी हो मन में और शरीर में विकार जागेंगे| इस वजह हम व्यकुल होते जा रहे है ये                                                         सारी चीजे बताने से नहीं समझेंगी इसे आप अनुभूति से ही समझ सकते है|  
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The body and mind are reacting to each other, the mind reacts thousands of times, and even in the body, the reactions will be against each other, the disorder will arise in the mind and body. For this reason, we are becoming disillusioned by not telling all these things, you can understand it only by feeling.

मंगलवार, 14 जुलाई 2020

Vipassana


हर कोई चाहता है उसके विकार नष्ट हो जाये पर ऐसा होता नहीं क्योकि हम स्वयं ही विकार निर्माण करते है, अगर हम राग, द्वोष, इर्षा, वासना की इच्छा जाहिर करेंगे तो हमें दुःख होगा विकार जागेंगे, विकार से छुटकारा आप को कोई नहीं दिला सकता आप सोचेंगे की कोई आएगा और आपके विकार दूर होंगे तो आप गलत है
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Everyone wants his disorders to be destroyed, but this does not happen because we create the disorder on our own, if we express our desire for anger, malicious , jealousy, lust, then we will feel sad, the disorder will wake up, no one can get rid of the disorder. You may think that someone will come and if your disorders go away then you are wrong
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 आप को स्वयं ही आपके विकार दूर करने होंगे| विकार हमारे मन की गहराई में होता है आपको अपने internal  behavior को बदलना बहोत ही मुश्किल होता है, बाहर के किसी भी कर्मकांड से आप अपने मन के विकार दूर नहीं कर सकते या कोई बाहर का व्यक्ति भी नहीं आपको स्वयं ही इन विकारो को दूर करना होगा| निर्मल मन के ध्यान से ही अपने विकार दूर कर सकते है| 
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You have to remove your disorders by yourself. Disorder occurs in the depths of our mind, it is very difficult to change your internal behavior, you cannot remove your mind disorders from any outside ritual or no outsider, you should remove these disorders by yourself. Would be Only with the mind of the serene mind can we overcome our disorders.
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जानना और मानना दो अलग चीजे है जैसे की बहोत से लोग कहेंगे बुद्ध कहा है, ईश्वर ने कहा है, आल्ला ने कहा है, इसा मसी ने कहा है और किसी ने कहा है, तो मानना याने मन से नहीं बल्कि मन की विकार गहराई से उसे जानने और अनुभव करने के बाद मानना तब विकार गहराई से उस चीज को समज सकते है| 
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Knowing and believing are two different things, as many people will say Buddha has said, God has said, Allah has said, this is what Christian has said and if someone has said, it is not the mind but the disorder of the mind deeply After knowing and experiencing it, then the disorder can understand that thing deeply.
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अलग अलग धर्म के लोग बोलेंगे हम इसे मानते है तो इस को जोड़कर ध्यान करेंगे देखो धर्म और संप्रदाय  ये दोनों अलग चीजे है| ध्यान सार्वजानिक संप्रदाय है किसी धर्म को इससे जोड़ नहीं सकते|  संप्रदाय और धर्म साथ जोड़े तो तब धर्म धर्म नहीं रहेगा संप्रदाय बन जाएगा| हम यह जो धर्म बोल रहे है ये किसी भी धर्म से सम्बंधित नहीं है, धर्म तो स्वत्रंत है|  
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People of different religions will speak, if we believe it, then we will meditate by adding it. See, religion and sect are both different things. Meditation is a public sect, no religion can be associated with it. If the community and religion combine together then religion will no longer be a religion. The religion we are speaking is not related to any religion, religion is free.
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२००० वर्ष पहले धर्म और संप्रदाय दोनों अलग थे पर ये हमारे भारत का दुर्भाग्य है हम धर्म और संप्रदाय को एक                                                                                      ही मानते है, 
प्राचीन भारत में धर्म किसे कहते है, धर्म सत्य को ही कहते थे| जैसे निसर्ग, हमारा स्वाभाव इसे धर्म कहते थे| 
आग का धर्म है जलना और जलना उसी तरह बर्फ का धर्म है शीतल होना और शीतल करना, हम किसी जाती का धर्म नहीं बता रहे है बल्कि हर चीज का जो गुणधर्म है उसे ही धर्म कहते थे| 
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2000 years ago, both religion and sect were different, but this is the misfortune of our India, we consider religion and sect to be the same,
In ancient India, what is called religion, religion was called truth. Like nature, our nature called it religion.
The religion of fire is burning and burning is the religion of ice in the same way, cooling and cooling, we are not telling the religion of any caste, but the property of everything is called religion.
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हमारे मन में विकार जागेंगे तो उसे हमें ही दुख पोहचेंगा जैसे क्रोध जागा तो वह उस व्यक्ति के साथ उसके संपर्क आने वाले सभी लोगो पर बरसेगा| आग का काम है जलना और जलना उसी तरह क्रोध का काम भी जलना और जलाना|  विकार किसी धर्म का रोग नहीं है बल्कि ये मनुष्य स्वाभाव है|  
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If we wake up in our mind, then he will sorrow us as if anger wakes up, then he will rain on all those who come in contact with that person. Burning and burning is the work of fire, in the same way burning and burning of anger. Disorder is not a disease of any religion but it is human nature.
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अब हम कैसे बता सकते है की ये हिन्दू क्रोध है या बौद्ध क्रोध है या किसी और धर्म का क्रोध है बल्कि ये किसी भी इंसान के मन में जाग सकता है|  विकार जागेंगे तो व्याकुलता  आएंगी जब आप सभी विकार दूर करेंगे को व्याकुलता  होंगी ही नहीं, विकार दूर होंगे तब ऐसा नहीं कह सकते ये किसी धर्म के कारण विकार दूर हुए बल्कि ये आपके स्वाभव पर ही निर्भर है| .

Now how can we tell whether it is Hindu anger or Buddhist anger or the anger of any other religion, but it can awaken in any human mind. When you wake up, then you will come to distraction, when you will remove all the disorders, there will be no distraction, if the disorders go away, then you cannot say that the disorders have gone away due to any religion, but it depends on your own nature. .

सोमवार, 13 जुलाई 2020

Vipassana


अलग अलग संप्रदाय के लोग यहाँ आते है उनकी धर्म पर सबकी अलग अलग दार्शनिक मान्यता होती है उन्हे लगता है हम ये क्या कर रहे है हमारा धर्म तो इन बातो को मनाता नहीं इस वजह से वो ठीक तरह से साधना उपयोग नहीं ले पाते उनके आँखो पर धर्म की पट्टी होती 
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People of different sects come here, they have different philosophical beliefs on their religion, they think what we are doing, our religion does not celebrate these things, because of this they are unable to use cultivation properly on their eyes. There was a band of religion
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या  धर्म का जो लेप आखो पर याने जिस नजरिये वो धर्म को देखते है देखने का तरीका बदल जाता है|  यहाँ आने वाले अलग अलग धर्म के लोगो ने ध्यान के बारे सुना होता है पर यहाँ आने पर पता चलता है हम तो ऐसे नहीं करते थे फिर उनके मन में ध्यान के प्रति शंका उत्पन होती है| 
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Or the way in which the vision of religion is seen, it changes the way of seeing religion. People of different religions who have come here have heard about meditation, but on coming here it is known that we did not do this, then there is doubt in their mind about meditation.
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इसी लिए विपश्यना में हर नए व्यक्ति को ध्यान के बारे में अच्छी तरह समझे के लिए शाम को धर्म प्रवचन होता है, 
दिनभर ध्यान करने के बाद आप को कुछ बाते समज आती है हमें सांसे के आवागमन पर ध्यान देना होता है| सांस लंबी आ रही है या छोटी आ रही, सांस ध्यान केंद्रित करना है मन में जो भी विचार आ रहे है उसे बंद करे पहले विचार बंद करने को बहोत कठिनाई होंगी धीरे धीरे होगा| 
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That is why every new person in Vipassana has a sermon in the evening to understand about meditation better,
After meditating throughout the day, you understand some things, we have to pay attention to the movement of the breath. The breath is coming long or coming short, the breath has to be focused, stop whatever thoughts are coming in the mind, first there will be a lot of difficulty to stop the thoughts slowly.
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सबकी दिनचर्या अलग होती है  यहाँ आपको शारीरिक कठिनाई  का सामना करना होगा कोई कहेंगा मेरा पाव दुख रहा है, तो किसी का सर दुखेगा किसी को कमर दर्द होगा| कोई कहेंगा बहोत नींद आती है| आप की दिनचर्य अलग होने से आप को शरीर पर control लाने में समय लगेगा| उसी तरह मन पर भी control लाने में  वक्त लगेगा| 
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Everybody's routine is different, here you will have to face physical hardship, someone will say that my feet are sad, then someone's head will hurt, someone will have back pain. Some would say that many sleep. It will take time for you to get control of your body due to your day-to-day separation. In the same way, it will take time to bring control over the mind.
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शरीर में और मन में ऐसी कठिनाई क्यों हुई आपने शुद्ध साँस अंदर और बहार छोड़ा इसमें कोई मिश्रण नहीं किया, अगर आप इसके साथ कोई आवाज जोड़ते तो या कोई आकृति जोड़ते तो आप को ये कठिनाई नहीं होती| कोई आवाज या आकृति जोड़ते तो आपको इस साधना का कोई लाभ नहीं होंगा| 
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Why there was such difficulty in the body and in the mind, you left pure breath in and out, did not mix it, if you add a voice with it or add a shape, you will not have this difficulty. If you add a voice or shape, you will not have any benefit of this practice.
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इस साधना को शुद्ध रूप से करो सिर्फ सांसो के आवागमन पर ध्यान दो इसके साथ कोई  शब्द, रूप, रंग, या आकृति ना  जोड़े| हमें समझ चाहिए ये साधना हम क्यों कर रहे है हमारा लक्ष क्या है अगर हम इस साधना के साथ को शब्द या आवाज को जोड़े तो हम निर्विचार चित्त तक पोहचेंगे पर हमारा लक्ष चित्त को निर्विचार  ही
 नहीं बल्कि निर्विकार करना है| 
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Do this meditation purely; just pay attention to the movement of the breath, do not add any words, forms, colors, or shapes with it. We need to understand why we are doing this meditation, what is our goal, if we add words or voice with this practice, we will wear it to the mind without thinking, but our goal is not to unlearn the mind but to make it void.


रविवार, 12 जुलाई 2020

Vipassana

वहा पहुँचने पर मैंने देखा की बाहर बहोत ही बड़ा compound है और बड़ा सा गेट भी है सारी जगह पर्वतो से घिरी हुई है अंदर आने के बाद कोई बिना permission के बाहर नहीं जा सकता है|  मेरे आलावा बोहोत सारे लोग भी वहा थे मै दोपहर के 4  बजे गया था|  _______________________________________________________________

On reaching there, I saw that outside is a very big compound and there is also a big gate, the whole place is surrounded by mountains, after coming in, one cannot go out without permission. Apart from me, a lot of people were also there. I went at 4 in the afternoon.
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 पहले उन्होंने मुझे एक फॉर्म दिया भरने के लिये वो मैंने भर दिया और उसके बाद मेरा पॉकेट और मोबाइल उन्होंने वहा पर जमा कर दिया और मुझे रूम नंबर  और बेडशीट के साथ कुछ सामान  दिया और रूम में रखने को कहाँ और चाय पिने के बाद हॉल में जमा होने के लिए कहाँ और  मै हॉल में  गया |
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First they gave me a form to fill it, and after that I deposited my pocket and mobile there and gave me some stuff with room number and bed sheet and where to put it in the room and after having tea in the hall Where did i go to the hall
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 वहा हमें पूछा आप सभी लोग एक एक करके बताये आप विपस्सना क्यू करना चाहते है सभी लोग जवाब देने लगे जब मेरा नंबर आया तब मैंने बताया विपस्सना याने खुद को जानना तो मै खुद को जानने आया हु|  टीचर को मेरा ये जवाब अच्छा लगा, बाद में कहा अब तुम सब अपने रूम ने जाओ, रूम पर आने के बाद मैंने कुछ लोगो से थोड़ी बात की कहाँ से आये ऐसा कुछ|  
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There, we asked all of you, one by one, you want to cite vipassana, everyone started answering. When my number came, I told vipassana, that is to know myself, so I have come to know myself. The teacher liked my answer, later said, now all of you go to your room, after coming to the room, I talked to some people, where did they come from?
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शाम को ६ बजे उन्होंने हमें थोड़ा नाश्ता दिया और कहा कल सुबह ४ बजे आप को उठाना पड़ेगा और ४: ३० बजे आप को mediation hall में जमा होना है, सुबह आप को खुद उठाना होंगा ४ बजे घंटा बजेंगी उससे आप को उठाना होगा अगर आप नहीं उठे तो हमारे volunteer आप के रूम के सामने bell बजायेंगे आप के उठाने तक| 
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At 4 o'clock in the evening, he gave us some breakfast and said that tomorrow you have to wake up at 4 o'clock in the morning and you have to gather in the mediation hall at 9:30 in the morning, you have to pick yourself up in the morning. If not, our volunteers will bell in front of your room instead of you.
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 दिन पहला

  सोने के बाद मै सुबह जल्दी उठा ४ बजे ही और मैंने घंटा की आवाज भी सुनी थी|  मुँह मैंने धोया और फ्रेश हो गया और Meditation hall में आया| वहा के volunteer आप से बात नहीं करते वो सिर्फ हाथ जोड़कर आप से विनती करते है और किसी को साथ बात बिलकुल नहीं करने देते|
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Day first

  After sleeping I woke up early in the morning at 4 o'clock and I also heard the voice of the hour I washed my face and was fresh and came to the Meditation hall. The volunteers from there do not talk to you, they just beg you with folded hands and do not let anyone talk with you at all.
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अगर आप आदेश का पालन ना करे तो आप को विपस्सना छोड़कर जाना होगा | इसलिए कोई भी किसी की तरफ बात तो छोड़ो देखता भी नहीं था चलते समय भी सिर निचे झुका के चलते थे| करीब आप को daily में से १० से १२ घंटे ध्यान करने में जाते है| 
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If you do not follow the order, then you have to leave the vipassana. That is why no one would look at anyone and leave the matter; even while walking, they used to tilt their head down. Nearly 10 to 12 hours of daily time for you to meditate.
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सुबह का ध्यान करने के बाद में रूम में आया और नहाया फिर नाश्ते  के लिए canteen में गया वापस फिर meditation hall में गया वहा एक नियम है आप को कही भी जाना हो तो एक लाइन बनाकर ही जाना पड़ता है|  आप वहा कही घूम नहीं सकते है| वहा पर आप को भोजन सिर्फ दोपहर ११ से १२ के बिच में ही मिलता है| 
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After meditating in the morning, I came to the room and bathed, then went to the canteen for breakfast, went back to the meditation hall. There is a rule, if you want to go anywhere, you have to make a line. You cannot roam there. There you get food only between 11 to 12 in the afternoon.
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 बाकि पूरा समय आप का ध्यान में चला जाता है, दोपहर को teacher आप से hall में ही बात करते है Meditation के बारे में आप को समझ आ रहा है की नहीं या कोई परेशानी तो नहीं ऐसा, और मै भी बहोत सारे  सवाल पूछता था और वो जवाब भी देते थे|  
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The rest of the time goes to your attention, in the afternoon, the teacher talks to you in the hall itself, you understand about Meditation whether there is any problem or not, and I also used to ask a lot of questions and He used to answer.
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सुबह से लेकर शाम तक पूरा समय ध्यान करने से मुझे बहोत थकान महसूस होती थी, हाथ और पैर भी बहोत दर्द करते थे क्योंकि इतना समय मैंने कभी ध्यान किया ही नहीं था पहले ही दिन मुझे लगा इतना वक्त में ये नहीं कर पहुँगा| दो समय खाना खाने की आदत थी यहाँ तो सिर्फ एक बार ही भोजन मिलता था इसलिए शरीर में थोड़ी कमजोरी महसूस होती थी|
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Meditating the whole time from morning to evening made me feel very tired, my arms and legs also ached a lot because I had never meditated so much for the first day. There was a habit of eating food for two times, here only one meal was available, so there was a slight weakness in the body.
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 मुझे वहा पर रुकने की motivation मिलती थी इसका कारन यह था की daily शाम ७: ३० बजे वहा गोएंका जी का Meditation के ऊपर धर्म चर्चा होती थी | उनके कुछ video बनाये हुए है वो रोज श्याम १ video दिखाते थे , हर video कम कम १ या डेड घंटे का रहता था| वो उसमें meditation के बारे में बताते, बौद्ध धर्म के बारे में बताते तथा वहा रुकने के लिए भी motivate कराते।  
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I used to get the motivation to stop there because it was daily that Goyenka ji used to discuss religion on Meditation. Some of his videos are made, he used to show evening 1 video every day, every video was of less than 1 or dead hours. He would tell about meditation in it, tell about Buddhism and also motivate him to stay there.
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तो चलो मै आप को धर्म चर्चा के बारे में बताता हूँ| 

१० दिन के साधना का  पहला दिन  पूरा हुआ और अब आप के पास और ९ दिन बाकी है काम करने के लिए, आप सभी लोग आपना घरबार छोड़ के आये है अपना ग्रहस्त  जीवन छोड़कर आये है जो सन्यासी है वो अपने आश्रम छोड़ आये है यहाँ आये है तो आप को खूब तपना होगा खूब काम करना होगा| 
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So let me tell you about the discussion of religion.

The first day of the 10-day spiritual practice was completed and now you have another 4 days left to work, all of you have left your home and have left your life-giving life, those who are hermit have left their ashrams and came here If you do,
                                                                you will have to heat a lot.
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यहाँ काम का मतलब साधना से है, कोई यहाँ छुट्टी नहीं मानाने आये है ना कोई पिकनिक मानाने आया है सिर्फ तपने के लिए आये है बहोत महेनत करनी है, पुरषार्थ करना है, अपने आप को सिद्ध करना है| धर्म चर्चा इसलिए होती है की आप को ये साधना अच्छी तरह समझे और आप इसका उपयोग करे,  ये भारत की बहोत ही प्राचीन विद्या है 
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Work here means spiritual practice, no one has come here to celebrate a holiday, nor has anyone come to have a picnic, just to come to heat, a lot of effort is to be made, to be rewarded, to prove oneself. Religion is discussed so that you should understand this practice very well and use it, it is very ancient education of India.
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अगर आप इसे अच्छी तरह से जानेगे नहीं तो गलत तरीके से करेंगे और इसका आप को लाभ नहीं होंगे १० दिनों के लिए आये हो तो इसका पूरा लाभ उठाये| इस विद्या से  भारत के आलावा बहोत से देशो को लाभ हुआ है| ये विद्या बहोत नाजुक है इस में कोई भी साम्प्रदाइकता टिक नहीं सकती
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If you do not know it well then you will do it wrongly and it will not benefit you, if you have come for 10 days then take full advantage of it. Apart from India, countries have benefited from                                                                                          this knowledge. This learning is very delicate,
                                                                                     no communicability can stand in this
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 कुछ समय पहले ये विद्या कुछ ऐसे लोगो के हाथ में पड़ी जिन्होंने इसमें सम्प्रदईकता जोड़ दी कुछ कर्म कांड,धर्म जोड़ दिये मतलब इसका सम्मिश्रण किया तो ये विद्या अपना बल खो देने लगी इसका जो लाभ मिलाना चाहिए वो लाभ न मिल पाया और लोग इसका अभ्यास करना छोड़ देने लगे इस कारण ये विद्या लुप्त हो गई | ऐसा  इस भारत देश में बहोत बार हुआ है| 
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Some time ago this education fell in the hands of some people who added communicability to it, added some karma scandal, religion means it was mixed, then this learning started losing its strength, it could not get the benefit it should and people practiced it. This learning disappeared due to giving up doing. This has happened many times in this country of India.
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२६०० वर्ष पहले ये विद्या खो गई थी पर एक महान पुरुष ने इस विद्या का अभ्यास किया इससे अपना कल्याण साधा, बौधि प्राप्त की मुक्ति प्राप्त की, वीतराग अवस्था प्राप्त की और फिर करुण चित्त से इस विद्या को खूब जीवन भर बाटा उसके बाद ये विद्या गुरु शिष्य परंपरा द्वारा खूब बाटी | 
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This science was lost 2400 years ago, but a great man practiced this discipline, he achieved his welfare, attained liberation of Buddhism, attained a state of illumination and then shared this learning with a lot of life with the compassion of mind. Plenty of talk by teacher to students tradition.
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करीब करीब ४-५ सदियों तक ये विद्या सबका कल्याण कराती रही पर बाद में इस में संमिश्रण होने लगा और धीरे धीरे विकृत और विलुप्त होती गई ये विद्या| कुछ देशो ने इस विद्या को अपना लीया  पर एक देश ने इस विद्या को जैसी भारत से आई वैसे ही गुरु शिष्य परंपरा द्वारा इसको संभाला| 
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For about 4-5 centuries, this education continued to provide welfare for all, but later it started to get mixed up and gradually it became distorted and extinct. Some countries adopted this knowledge, but one country handled this knowledge in the same way as it came from India by the Guru-disciple tradition.
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फिर भी आज भारत के लोगो को लगता है ये विद्या नई है | जैसे वो इस विद्या के बारे में जानते ही नहीं ये हमारे देश का दुर्भाग्य है| 

विपस्सना एक धर्म की गंगा है ये किसी एक जाती विशेष के लिए नहीं बल्कि सभी मानव जाती  के लिए है जो इसका लाभ उठाना चाहते है वो यहाँ आ सकते है| 
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Yet today people of India feel that this learning is new. As they do not know about this education, this is the misfortune of our country.

Vipassana is the Ganges of a religion, it is not for any particular caste but for all human species, who want to take advantage of it, they can come here.

शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

Vipassana

                                                            विपस्सना 
हलो  दोस्तों,
आज मै आप के साथ मेरा  विपस्सना  meditation 
केन्द्र में बिताये हुऐ 10 दिन का अनुभव 
share करना चाहता हूँ, आशा है की आप को मेरा अनुभव
 आप के काम में आ जाए या आप को इससे कुछ सीखने को मिले।

तो चलो मै अपना सफर शुरू करता हूँ, आप लोगो में से बहोत से लोगो को तो यह पता भी नहीं होंगे विपासना क्या है, ये  ज्यादा तर बौद्ध लोग जानते है| विपासना करना इतना आसान काम भी नहीं है जो कोई भी इसे कर पाए विपासना करने के लिए आप का मन बहोत ही सक्षम और मजबूत होना जरुरी है जो शरीरिक और मानसिक रूप से सक्षम हो वो लोग ही इसे करे, ये करने के लिए कोई जाती धर्म नहीं है इसे कोई भी धर्म का व्यक्ति कर सकता  है| 


मै विपासना केन्द्र में २०१५ में फेब्रुवरी महीने में गया था, इस बात को बोहोत साल हो गए मेरा ये अनुभव आप के काम आएगा शायद आप भी कभी विपासना केन्द्र में जाए, मेरा मानना है की हम सभी ने एक ना एक बार विपसना केन्द्र जाना चाहिए| 

मैंने विपासना के बारे में कॉलेज में सुना था तब ही से ही मै इसके बारे में पता करने लगा. मुझे पता नहीं था ये कैसे करना है और इसमें क्या क्या करते है जब मैंने इंटरनेट से इसके बारे में जानना शुरू किया तो मुझे पता चला ये प्राचीन बौद्ध ध्यान साधना   है जो भगवन गौतम बुद्ध ने  2600 वर्ष पहले ही खोजी थी| बिच में कुछ सालो तक ये ससाधना  लुप्त हो चुकी थी पर कुछ लोगो ने इस साधना  का जतन किया इसलिए ये सिद्धि आज भी कायम है,  यस. येन. गोएंका जी ने इस साधना  का बहोत प्रसार किया उन्होंने औरंगबाद में एक विपासना केंद्र भी बनाया है आज भी यहां से बहोत सारे  लोग इनका 10 दिन का शिबिर करते है |

अगर आप को विपासना केन्द्र जाने के लिए फॉर्म भरना है तो ये लिंक पर से फॉर्म भरे.


 मैंने भी शिबिर के बारे में इंटरनेट से ही जानकारी निकाली और फॉर्म भर दिया कुछ दिनों बाद मुझे Email  आया आप को विपासना शिबिर में training के लिये बुलाया है| मैं बहोत ख़ुश हो गया बहोत दिनों से मै इसके बारे में जानना चाहता था आज  वो मौका मिल गया, 4 - 5 दिन बाद मुझे जाना था मैंने सारी तैयारी कर ली जाने की Bag में सारी जरुरी चीज़े भर ली, और वो दिन आ गया जब मुझे जाना था, मुझे मेरे भाई ने वहा पे छोड़ दिया| 
इस केंद्र का नाम अजिंठा विपासना केंद्र है जो  ये खुलताबाद में  शरणापुर फाटा , रामपुरी गॉव है उसके आगे पूरा पहाड़ी इलाका है वहा पर स्थित है | 

इस कोर्स को शुरू करने से पहिले ये चार्ट जरूर देखे की हम इतना समय देना होंगा|  

THE COURSE TIMETABLE

4:00 amसुबह उठाना 
4:30-6:30 amध्यान करने के हॉल में या अपनी रूम में ध्यान करे 
6:30-8:00 amनाश्ता 
8:00-9:00 amसभी के साथ हॉल में ध्यान करे 
9:00-11:00 amध्यान करे रूम में 
11:00-12:00 noonखाना खाने का समय 
12noon-1:00 pmआराम या टीचर के साथ बातचीत करे 
1:00-2:30 pmध्यान करे रूम में 
2:30-3:30 pmसभी के साथ ध्यान करे 
3:30-5:00 pmध्यान करे रूम में 
5:00-6:00 pmचाय पिये 
6:00-7:00 pmसभी के साथ ध्यान करे 
7:00-8:15 pmteacher की बातचीत सुने  ध्यान के बारे में 
8:15-9:00 pmसभी के साथ ध्यान करे 
9:00-9:30 pmquestion पूछे 
9:30 pmसोने जाए 

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  Vipassana
Hello friends, 

Today I want to share with you my 10 days experience spent in Vipassana meditation center, hope you get my experience in your work or you get to learn something from it.

So let me start my journey, you will not even know from many people what is vipassana, these Buddhists know more. To do vipassana is not such an easy task, whoever is able to do it, you have to be very capable and strong in your mind to do vipassana, who is physically and mentally capable, only those people should do it; No, any person of any religion can do this.

I went to the Vipassana Center in February  month in 2015, it has been a lot of years that my experience will work for you, maybe you too may go to Vipassana Center sometime, I believe that we all should visit Vipassana Center at one time




I had heard about Vipassana in college since then I started to find out about it. I did not know how to do this and what to do in it. When I started to learn about it from the Internet, I came to know that it is ancient Buddhist meditation which was discovered by Bhagwan Gautama Buddha 2600 years ago. In the middle of the year, this accessories was lost But some people practiced this practice, so this accomplishment is still intact today. Yen. Goenka ji greatly spread this practice, he has also built a vipassana center in Aurangabad. Even today, many people worship him for 10 days.

If you have to fill the form to go to Vipassana Center, then fill the form from this link.



I also extracted information about Shibir from the Internet itself and filled the form. After a few days I got an email. You have been called for training in Vipassana Shibir. I was very happy, I wanted to know about it for many days, today I got that opportunity, after 4 - 5 days I had to go, I filled all the necessary things in the bag to get ready, and the day came when I had to go My brother left me there.
The name of this center is Ajintha Vipasana Center, which is located in Khulatabad, Sharanpur Phata, Rampuri village, next to it there is a whole hilly area.

Before starting this course, please check this chart that we have to give so much time.



Time Table

THE COURSE TIMETABLE

The following timetable for the course has been designed to maintain the continuity of practice. For best results students are advised to follow it as closely as possible.

4:00 amMorning wake-up bell
4:30-6:30 amMeditate in the hall or in your room
6:30-8:00 amBreakfast break
8:00-9:00 amGroup meditation in the hall
9:00-11:00 amMeditate in the hall or in your room according to the teacher's instructions
11:00-12:00 noonLunch break
12noon-1:00 pmRest and interviews with the teacher
1:00-2:30 pmMeditate in the hall or in your room
2:30-3:30 pmGroup meditation in the hall
3:30-5:00 pmMeditate in the hall or in your own room according to the teacher's instructions
5:00-6:00 pmTea break
6:00-7:00 pmGroup meditation in the hall
7:00-8:15 pmDiscourse in the hall
8:15-9:00 pmGroup meditation in the hall
9:00-9:30 pmQuestion time in the hall
9:30 pmRetire to your own room--Lights out

                                                       





Vipassana

ध्यान करते समय ध्यान दे की साँस हमारे कहा कहा छू रही है, नसिका के कौनसे भागो को छू रही है| प्रति दिन ऐसे ही करना है, स्थूल साँस से सुक्ष साँ...